NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim Chapter 2 फसलें का त्योहार
- BoardCBSE
- TextbookNCERT
- ClassClass 5
- SubjectHindi
- ChapterNCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim Chapter 2 फसलें का त्योहार
- Chapter NameChapter 2-Faslon Ke Tyohar
- CategoryNCERT Solutions
NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim (रिमझिम) Chapter 2 फसलें का त्योहार
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मौसम का अंदाज
Q 1. “खिचड़ी में अइसन जाड़ा हम पहिले कब्बो न देखनी|”यहाँ तुम ‘खिचड़ी’ से क्या मतलब निकाल रही हो?
उत्तर- यहाँ खिचड़ी से मतलब मकर-संक्रांति से है|
Q 2. क्या कभी ऐसा हो सकता है कि सूरज बिल्कुल ही न निकले? अगर ऐसा हो तो …………… अपने साथियों के साथ बातचीत करके लिखो|
उत्तर- अगर सूरज न निकले तो चारो ओर अँधेरा रहेगा और ठंड भी अधिक हो जाएगी|
Q 3. बाहर देखने से समय का अंदा क्यों नहीं हो रहा था? जिनके पास घड़ी नहीं होती वे समय का अनुमान किस तरह से लगाते हैं?
उत्तर: बाहर देखने से समय का अंदाजा इसलिए नहीं हो रहा था क्योंकि सूरज नहीं निकला था। जिनके पास घड़ी नहीं होती वे समय का अंदाजा सूरज की गति और उसकी चमक से लगाते हैं। तुम्हारी जुबान
(क) “आज ई लोग के उठे के नईखे का?”
(ख) “जा भाग के देख केरा के पत्ता आइल की ना?”
इन वाक्यों को अपने घर की भाषा में लिखो।
उत्तर:
(क) आज ये लोग उठेंगे नहीं क्या?
(ख) दौड़ कर जाओ और देखो कि केला का पत्ता आया कि नहीं।
भारत तेरे रंग अनेक
Q 4. विविधता हमारे देश की पहचान है। फ़सलों का त्योहार हमारे देश के विविध रंग-रूपों का एक उदाहरण है। नीचे विविधता के कुछ और उदाहरण दिए गए हैं। पाँच-पाँच बच्चों का समूह एक-एक उदाहरण ले और उस पर जानकारी इकट्ठी करे। (जानकारी चित्र, फ़ोटोग्राफ़, कहानी, कविता, सूचनापरक सामग्री के रूप में हो सकती है।) हर समूह इस जानकारी को कक्षा में प्रस्तुत करे।
• भाषा | • कपड़े | • नया वर्ष |
• भोजन | • लोक कला | • लोक संगीत |
उत्तर-
भाषा – भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं। जैसे- गुजराती, मराठी, बंगाली, गढ़वाली, तमिल, कन्नड़, पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, नेपाली, असमिया, सिंधी, मलयालम, हिन्दी इत्यादि।
कपड़े – हर प्रांत के परिधानों में मुख्यतर साड़ी, सूट, लंहगा (विवाह अवसर पर पहने जाना वाला परिधान) ही स्त्रियों द्वारा पहना जाता है। पुरुषों में धोती, कुर्ता, लूंगी, पज़ामा पहना जाता है।
नया वर्ष – अलग-अलग जगहों पर नया वर्ष मनाने का तरीका अलग-अलग होता है। जैसे- बैशाखी (पंजाब), उदागी (आंध्र प्रदेश), विशु (केरल/तमिलनाडु), गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र)।
भोजन – अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार के भोजन मिलते हैं। जैसे-
- छोले-भठूरे, राजमा, मक्के की रोटी व सरसों का साग (पंजाब)
- डोसा, इडली, सांभर (दक्षिण भारत)
- खाखरा, भाखरवाड़ी, ढोकला, थेपला (गुजरात)
- रोगन जोश, रीसता, दम आलू, वाज़वान (कश्मीर)
- माछ-भात, शुक्तो, मिष्ठी दोई (बंगाल)
- दाल-बाठी, चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी (राजस्थान)
लोक कला – प्रत्येक प्रान्त की लोककला वहाँ की संस्कृति का परिचय देती है। जैसे- मधुबनी(बिहार), चित्तर (दक्षिण भारत), तंजावुर (तमिलनाडु), थंगक (तिब्बत), पातचित्र (उड़ीसा), पिछवई तथा फड़ (राजस्थान), बाटिक (दक्षिण भारत तथा बंगाल)।
लोक संगीत – अलग भाषा और संस्कृति होने से लोक संगीत भी अलग होता है। भारत के लोक संगीत में अलग प्रांतों की लोकगीतों की व्यापक परंपरा चली आ रही है। सारंग, दुर्गा, सोरठ, पीलू इत्यादि राग लोक संगीत का मुख्य हिस्सा है।
- कजरी, सावन, चैता (बनारस, मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश तथा पूरबी और बिहार के पश्चिम ज़िले)
- सोहनी-महीवाल, हीर-राँझा (पंजाब)
- ढोला-मारू (राजस्थान)
- बिदेसिया (बिहार)
- आल्हा (बुंदेलखंडी)
- गरबा (गुजरात)
- रसिया (ब्रज)
Q 5. तुम्हें कौन-सा त्योहार सबसे अच्छा लगता है और क्यों? इस दिन तुम्हारी दिनचर्या क्या होती है?
उत्तर- हमें होली का त्योहार सबसे अच्छा लगता है क्योंकि, इस दिन चारों ओर रंग ही रंग देखने को मिलते हैं| इस दिन हम सुबह से ही जोश तथा उत्साह से भरे रहते हैं| गुजिया इस त्यौहार की मुख्य मिठाई है| जो लोग बड़े आनंद से खाते हैं|
अन्न के बारे में
Q 6. (क) फसल के त्योहार का ‘तिल’ का बहुत महत्व होता है| तिल का किन – किन रूपों में इस्तेमाल किया जाता है? पता करो?
उत्तर- तिल से विभिन्न प्रकार के पकवान तथा मिठाईयां बनाई जाती है| इससे तेल भी बनता है|
(ख) तुम जानती हो कि तिल से तेल बनता है? और किन चीजों से तेल बनता है और कैसे? हो सके तो तेल की दुकान में जाकर पूछो|
उत्तर- तिल के अतिरिक्त नारियल, सरसों, आंवला, मूंगफली, बादाम और फूलों से तेल बनता है| यह तेल मशीनों द्वारा निकाला जाता है|
किसान और चीजों का सफ़र
किसान और खेती हममें से बहुत से लोगों की जानी – पहचानी दुनिया का हिस्सा है नहीं है | विशेष रुप से शहर के ज्यादातर लोगों को या अहसास नहीं है कि हमारी जिंदगी किस हद तक इससे जुड़ी हुई है| देश के कई हिस्सों में आज किसानों को जिंदा रहने के लिए बहुत मेहनत और संघर्ष करना पड़ रहा है| अगर यह जानने की कोशिश करें कि हम दिन भर जो चीज खाते हैं वह कहां से आती है तो- किसानों की हमारी जिंदगी में भूमिका को हम समझ पाएंगे| आलू की पकौड़ी, बर्फी और आइसक्रीम इन तीन चीजों के बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जानकारी इकट्ठी करो और ‘मेरी कहानी’ के रूप में चीज उसे लिखो|
- किन चीजों से बनती है|
- इन चीजों का जन्म कहां होता है?
- हम तक पहुंचने का उनका सफर क्या है?
- किन – किन हाथों से होकर हम तक पहुंचती है?
- हम इस पूरे सफर में किन लोगों की कितनी मेहनत लगती है
- इन लोगों में से किसको कितना मुनाफा मिलता है?
अगले वर्ष कक्षा 6 में सामाजिक एवं राजनीतिक विषय के बारे में पढ़ोगी तो उपाय के सफर में शामिल लोगों की दिनचर्या पता करने का मौका भी मिलेगा|
उत्तर- आलू की पकोडी आलू और बेसन से बनती है| बर्फी खोये से बनती है व आइसक्रीम दूध से बनती है|
- इन चीजों का जन्म किसानों के घरों में होता है|
- हम तक ये चीजें किसानों के बाद व्यापारियों के माध्यम से पहुंचती है|
- यह चीजें हम तक किसानो, व्यापारियों तथा दुकानदारों के हाथों से होकर पहुंचती है|
- इस पूरे कार्य में किसान तथा व्यापारियों की बहुत मेहनत लगती है|
- इन लोग में से किसानों को कम तथा व्यापारी को उनसे कुछ ज्यादा मुनाफा मिलता है|
खास पकवान
Q 7. ‘गया’ शहर तिलकुट के लिए भी प्रसिद्ध है| हमारे देश में छोटी – बड़ी ऐसी कई जगह है जो अपने खास पकवान के लिए मशहूर हैं| अपने परिवार के लोगों से पता करें उनके बारे में बताओ|
उत्तर- हमारे देश में मथुरा पेड़े के लिए, आगरा के पेठे के लिए और हरियाणा के घेवर के लिए प्रसिद्ध है|
Q 8. पिछले दो वर्षोमें तुमने ‘काम वाले शब्दों’ के बारे में जाना| इन शब्दों को क्रिया भी कहते हिया क्योकि क्रिया का संबन्ध कोई काम ‘करने’ से है| नीचे खिचड़ी बनाने की विधि दी गई| इसमें बीच-बीच में कुछ क्रियाये छूट गई है| उचित क्रिया का प्रयोग करते हुए इसे पूरा करो| छोंकना पीसना पकाना धोना परोसनाभूनना बंगाली ‘खिचुरी’ (5 व्यक्तियों के लिए) सामग्रीमात्रा
- अदरक20 ग्राम
- लहसुन 3 फाँके
- इलायची के दाने3 छोटी
- दालचीनी2 1/2 से.मी. का एक टुकड़ा
- पानी4 प्याले
- मूँग दाल 1/2 प्याले
- सरसों का तेल3 बड़े चम्मच
- तेज पत्ते 2
- जीरा 1/2 छोटा चम्मच
- प्याज बारीक कटा हुआ1 मंझोल
- चावल धुले हुए1 प्याला
- फूल गोभी बड़े-बड़े टुकड़ो में कटी हुई 200 ग्राम
- आलू छीलकर चार-चार टुकड़ो में कटे हुए 2
- मटर के दाने 1/2 प्याला
- धनिया पिसा हुआ 1 बड़ा चम्मच
- लाल मिर्च पिसी हुई 1/2 छोटा चम्मच
- चीनी 1 चम्मच
- घी2 बड़े चम्मच
- नमक और हल्दी अंदाज से
उत्तर- विधि – इलाइची, दालचीनी और लौंग में थोड़ा – थोड़ा पानी (एक छोटा चम्मच) डालते हुए पीस लो| अदरक और लहसुन को इकट्टा पीसकर पेस्ट बनाओ| दाल को कढ़ाई में डालो और धीमी आंच पर सुनहरी भूरी होने तक भून लो अब दाल निकालकर पीस लो| तेल को कुकर में डालकर गर्म करो| तेल गर्म होने पर तेज पत्ते और जीरा डालो| जीरा जब चटकने लगे, तो प्याज डालकर सुनहरा भूरा होने तक भुनो| अब अदरक-लहसुन का पेस्ट डाल कर कुछ मिनट तक भूनों| धुली हुई दाल, चावल और सब्जी डालों और अच्छी तरह मिलाओ| और शेष पानी (4 प्याले) डाल कर एक बार हिलाओ| कुकर बंद करो| तेज आँच पर पूर्ण प्रेशर आने दो| अब आँच तेज करके 4 मिनट तक पकाओ| भाप निकल जाने पर कुकर खोलो, मसालों का पेस्ट मिलाओ| खिचुरी घी, हींग, जीरा, साबुत लाल मिर्च से छौक कर परोसो|
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