NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim Chapter 1 रखा की रस्सी

  • Board
    CBSE
  • Textbook
    NCERT
  • Class
    Class 5
  • Subject
    Hindi
  • Chapter
    NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim Chapter 1 रखा की रस्सी
  • Chapter Name
    Chapter 1-Rakh Ki Rassi
  • Category
    NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim (रिमझिम) Chapter 1 रखा की रस्सी

This page is prepared and created by HT experts and consists of NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim (रिमझिम) Chapter 1 रखा की रस्सी. All the questions asked in the NCERT textbook are solved as per the CBSE recommendation. Before solving the Chapter 1 रखा की रस्सी make sure you must read the chapter. Questions asked in Chapter 1 रखा की रस्सी are from the NCERT textbook, do read chapter Chapter 1 रखा की रस्सी. Check out the NCERT Solutions for class 5 Hindi Rimjhim

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Q 1. तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे।

(क) तुम्हारे विचार से वे किन-किन बातों के बारे में सोचकर परेशान होते हैं?

(ख) तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती?

उत्तर:

(क) तिब्बत के मंत्री का बेटा बहुत सीधा-सादा व भोला था। उसे होशियारी छूकर भी नहीं गई थी। इसलिए वह परेशान रहते कि मेरे बाद इसका क्या होगा।

(ख) यदि मैं तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो बेटे को बहुत प्यार व समझदारी से समझती और समझदारी से काम करने के लिए प्रेरित करती।

Q 2. “मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ़ रवाना किया।”

(क) मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?

उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर में पैसे कमाने के लिए भेजा था। उसने अपने बेटे को सौ भेड़ों दीं। उसने भेड़ें देकर कहा कि इन भेड़ों को मारना या बेचना नहीं है। इन्हें वापस लाना और साथ में जौ के सौ बौरे भी लाना। मंत्री जानता था कि यदि उसका बेटा यह कार्य करने में सफल हो गया तो उसके बेटे को शहर व दुनियादारी की समझ आ जाएगी।

(ख) उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा?

उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा ताकि वहाँ की समझदारी, चालाकी, काम करने का तरीका उसके बेटे को समझ में आ सके।

Q 3.“जौ’ एक तरह का अनाज है जिसे कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रोटी बनाई जाती है, सत्तू बनाया जाता है और सूखा भूनकर भी खाया जाता है। अपने घर में और स्कूल में बातचीत करके कुछ और अनाजों के नाम पता करो।

उत्तर:

गेहूँ जौ
मक्का धान
बाजरा ज्वार

Q 4. गेहूं और जौ अनाज होते है और ये तीनो शब्द संज्ञा है| ‘गेहूं’ और ‘जौ’ अलग-अलग किस्म के अनाजो के नाम है इसलिए ये दोनों व्यक्तिवाचक संज्ञा है| और ‘अनाज’ जातिवाचक संज्ञा है| इसी प्रकार ‘रिमझिम’ व्यक्तिवाचक संज्ञा है और ‘पाठ्यपुस्तक’ जातिवाचक संज्ञा है|

(क) नीचे दी गई संज्ञाओ का वर्गीकरण इन दो प्रकार की संज्ञाओ में करो- लेह धातु शेरवानी भोजन ताँबा खिचड़ी शहर वेशभूषा

उत्तर:

व्यक्तिवाचक संज्ञा – लेह, शेरवानी, ताँबा, खिचड़ी|

जातिवाचक संज्ञा – धातु, भोजन, शहर, वेशभूषा|

(ख) ऊपर लिखी हर जातिवाचक संज्ञा के लिए तीन-तीन व्यक्तिवाचक संज्ञाए खुद सोचकर लिखो|

उत्तर:

धातु – सोना, दाल, चावल

भोजन – रोटी, दाल, चावल|

शहर – दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता|

वेशभूषा – धोती, साड़ी, कमीज़|

Q 5. इस लड़की का तो सभी लोहा मान गए| था न सचमुच नहले पर दहला! तुम्हे भी यही करना होगा| तुम ऐसा कोई काम ढूंढो जिसे करने के लिए सूझाबुझ की जरूरत हो | उसे एक कागज में लिखो और तुम सभी अपने – अपने चीट को एक डिब्बे में डाल दो | डिब्बे को बीच में रखकर उसके चारों ओर गोलाई में बैठ जाओ | अब एक – एक करके आओ उस डिब्बे से ए क चिट निकालकर पढ़ो और उसके लिए कोई उपाय सुझाओ | जिस बच्चे ने सबसे ज्यादा उपाय सुझाए वह तुम्हारी कक्षा का ‘बीरबल’ होगा |

उत्तर: अध्यापक ने कहा कि तुम पानी का पत्थर लेकर आओ | कुछ सोचने के बाद मैंने उनसे कहा कि फिर आपको उस पत्थर को आधे घंटे हाथ में रखना पड़ेगा अध्यापक ने मुझे हां कह दिया फिर एक बर्फ का टुकड़ा ले आया और उन्हें दे दिया वह हैरान रह गए और मन ही मन सोचने लगे कि वह आधे घंटे हाथ में कैसे रखेंगे | छात्र ने अपनी सूझबूझ से कोई काम ढूंढकर खेल पूरा करें|

Q 6. मंत्री ने बेटे से कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतार कर बेचना मुझे ज़रा भी पसंद नहीं आया।” क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।

उत्तर: मंत्री को यह तो बहुत पसंद आया था कि बेटा उसका दिया काम कर आया है। लेकिन जब उसे पता चला होगा कि यह काम उसके बेटे के स्थान पर एक लड़की ने किया है, तो उसे बहुत दुख हुआ होगा। वह अपने बेटे को समझदार और चालाक बनाना चाहता था। लेकिन लड़की के कारण ऐसे हो नहीं पाया।

Q 7. पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले। जिन लोगों ने ये चीजें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा? अपनी कल्पना से बताओ।

उत्तर: भेड़ों के बालों से उन्होंने ऊन बनाई होगी और ऊन से गरम कपड़े जैसे, शॉल। भेड़ों के सींगों से उन्होंने सजावट की चीजें बनाई होंगी।

Q 8. नीचे कहानी के कुछ उपाय दिए गए हैं | इन बातों को तुम किस तरह से कह सकते हो-

(क) चैन से जिंदगी चल रही थी |

(ख) होशियारी उसे छूकर भी नहीं गई थी |

(ग) मैं इसका हल निकाल देती हूं |

(घ) उनकी अपनी चालाकी धरी रह गई |

उत्तर:

(क) जिंदगी आराम से कट रही थी |

(ख) वह होशियार नहीं था |

(ग) मैं इसके लिए उपाय बता देती हूं |

(घ) उनकी अपनी चालाकी किसी काम नहीं आई |

Q 9. ‘लोनपो गार का बेटा होशियार नहीं था |

(क) ‘होशियार’ और ‘चालाक’ में क्या फर्क होता है? किस आधार पर किसी को तुम चालाक या होशियार कह सकती हो? इसी प्रकार ‘भोला’ और ‘बुध्दू’ के बारे में भी सोचो और कक्षा में चर्चा करो |

उत्तर: होशियारी से तात्पर्य है- समझदार होना | जबकि चालाक का अर्थ है- अत्यधिक चतुर होना | जो व्यक्ति दूसरों से काम निकलवाने के लिए तरह – तरह की बातें करता है, उसे हम चालाक कहते हैं | वही जो व्यक्ति समझदारी की बातें करता उसे समझदार कहते हैं | इसी प्रकार ‘भोला’ का अर्थ है- सीधा-साधा होना जबकि बुद्धू का अर्थ – बेवकूफ है |

(ख) लड़की को तुम समझदार कहोगी या बुद्धिमान क्यों?

उत्तर: लड़की को हम बुद्धिमान कहेंगे, क्योंकि अपनी बुद्धि के बल पर वह हर समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ रही थी|

कहानी में लोनपो गार के बेटे और लड़की को कोई नाम नहीं दिया गया है। नीचे तिब्बत में बच्चों के नामकरण के बारे में बताया गया है। यह परिचय पढ़ो और मनपसंद नाम छाँटकर बेटे और लड़की को कोई नाम दो। नायिमा, डावा, मिगमार, लाखपा, नुखू, फू दोरजे—ये क्या हैं? कोई खाने की चीज़ या घूमने की जगहों के नाम। जी नहीं, ये हैं तिब्बती बच्चों के कुछ नाम। ये सारे नाम तिब्बत में शुभ माने जाते हैं। ‘नायिमा’ नाम दिया जाता है रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों को। मानते हैं कि इससे बच्चे को उस दिन के देवता सूरज जैसी शक्ति मिलेगी और जब-जब उसका नाम पुकारा जाएगा, वह शक्ति बढ़ती जाएगी। सोमवार को जन्म लेने वाले बच्चों का नाम ‘डावा’ रखा जाता है। यह लड़का-लड़की दोनों का नाम हो सकता है। तिब्बती भाषा में डावा के दो मतलब होते हैं, सोमवार और चाँद। यानी डावा चाँद जैसी रोशनी फैलाएगी और अँधेरा दूर करेगी। तिब्बत में बुद्ध के स्त्री-पुरुष रुपों पर भी नामकरण करते हैं खासकर दोलमा नाम बहुत मिलता है। यह बुद्ध के स्त्री रूप तारा का ही तिब्बती नाम है।

उत्तर: लोनपो गार के बेटे का नाम ‘नुखू’ व लड़की के लिए ‘डावा’ नाम उचित लगता है।

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