NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim Chapter 10 एक दिन की बादशाहत

  • Board
    CBSE
  • Textbook
    NCERT
  • Class
    Class 5
  • Subject
    Hindi
  • Chapter
    NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim Chapter 10 एक दिन की बादशाहत
  • Chapter Name
    Chapter 10-Ek Din Ki Badshahat
  • Category
    NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim (रिमझिम) Chapter 10 एक दिन की बादशाहत

This page is prepared and created by HT experts and consists of NCERT Solutions for Class 5 Hindi Rimjhim (रिमझिम) Chapter 10 एक दिन की बादशाहत. All the questions asked in the NCERT textbook are solved as per the CBSE recommendation. Before solving the Chapter 10 एक दिन की बादशाहत make sure you must read the chapter. Questions asked in Chapter 10 एक दिन की बादशाहत are from the NCERT textbook, do read chapter Chapter 10 एक दिन की बादशाहत. Check out the NCERT Solutions for class 5 Hindi Rimjhim.

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कहानी की बात

Q 1. अब्बा ने क्या सोचकर आरिफ़ की बात मान ली?

उत्तर- अब्बा ने यह सोचकर आरिफ़ की बात मान ली की रोज सभी इन बच्चों पकार हुक्म चलाते हैं| क्यों न एक दिन के लिए ये हक़ इन्हें भी दे दिया जाए|

Q 2. वह एक दिन बहुत अनोखा था, जब बच्चों को बड़ों के अधिकार मिल गए थे| वह दिन बीत जाने के बाद इन्होंने क्या सोच होगा-

  • आरिफ़ ने,
  • अम्मा ने,
  • दादी ने

उत्तर-

  • आरिफ़ ने सोचा होगा के यह दिन कितना आनंददायक था| काश! ऐसा दिन रोज़ आए|
  • अम्मा ने सोच हगा के बच्चों को थोड़ी- बहुत आज़ादी जरूर देनी चाहिए और इनकी भावनाओं को समझना चाहिए|
  • दादी ने सोचा होगा के हम प्रतिदिन इन बच्चों को कितना कष्ट देते हैं|

तुम्हारी बात

Q 3. अगर तुम्हे घर में दिन प्रतिदिन के लिए सरे अधिकार दे दिए जाएँ तो तुम क्या-क्या करोगी?

उत्तर- अगर हमें घर में एक दिन के लिए सारे के लिए अधिकार दे दिए जाएँ तो हम अपने मन की सभी इच्छाओं को पूरा करना चाहेगे? जैसे- मनपसंद चीजें बनाकर खाएँगे, खूब खेलेंगे|

Q 4. कहानी में ऐसे कई काम बताए गए हैं जो बड़े लोग आरिफ और सलीम से करने के लिए कहते थे | तुम्हारे विचार से उनमें से कौन – कौन से काम उन्हें बिना शिकायत किए कर देने चाहिए थे और कौन – कौन से कामों के लिए मना कर देना चाहिए|

उत्तर– आरिफ़ और सलीम को रात में जल्दी सोना है, सुबह जल्दी उठना, धीमी आवाज में गाना, बाहर नहीं जाना,शोर ना करना, खुद नहा लेना, कम घूमना-फिरना आदि काम बिना शिकायत किए कर लेने चाहिए थे| वहीं उन्हें सदा नाश्ता करने, बेकार खाना खाने, बेकार कपड़े पहनने, जैसे कामों के लिए मना कर देना चाहिए था|

तरकीब

Q 5. दोनों घंटों बैठकर इन पाबंदियों से बच निकलने की तरकीबें सोचा करते थे।”

  1. तुम्हारे विचार से वे कौन कौन-सी तरकीबें सोचते होंगे?
  2. कौन-सी तरकीब से उनकी इच्छा पूरी हो गई थी?
  3. क्या तुम उन दोनों को इस तरकीब से भी अच्छी तरकीब सुझा सकती हो?

उत्तर-

  1. घर के बड़े लोगों को कैसे समझाया जाए जिससे कि वे उन पर इतनी अधिक पाबंदियाँ नहीं लगाएँ।
  2. उन्होंने अब्बा से दरखास्त पेश की कि एक दिन उन्हें बड़ों के सारे अधिकार दे दिए जाएँ और सब बड़े छोटे बन जाएँ।
  3. उन दोनों ने जो तरकीब अपनाई वह सबसे अच्छी है। इस तरकीब ने बड़ों को इस बात का एहसास करा दिया कि हर समय बच्चों को निर्देश देते रहना अच्छी बात नहीं होती।

अधिकारों की बात

Q 6. “आज तो उनके सारे अधिकार छीने जा चुके हैं।”

  1. अम्मी के अधिकार किसने छीन लिए थे?
  2. क्या उन्हें अम्मी के अधिकार छीनने चाहिए थे?
  3. उन्होंने अम्मी के कौन-कौन से अधिकार छीने होंगे?

उत्तर:

  1. आरिफ और सलीम ने अम्मी के अधिकार छीन लिए थे।
  2. कायदे से तो उन्हें अम्मी के अधिकार नहीं छीनने चाहिए थे लेकिन उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे | इस बात से काफी परेशान हो चुके थे कि उन्हें अपनी मर्जी से चैं करने की भी इजाजत नहीं थी।
  3. उन्होंने अम्मी के निम्न अधिकार छीने होंगे|
    • डाँटने का अधिकार
    • अपना मनपसंद भोजन बनवाने का अधिकार
    • पाबंदियाँ लगाने का अधिकार।

बादशाहत

Q 7. ‘बादशाहत’ क्या होती है? चर्चा करो|

उत्तर- किसि क्षेत्र, राज्य या देश आदि पर शासन कर पूरा अधिकार जमाना तथा अपनी मनमर्जी करना बादशाहत होती है|

Q 8. तुम्हारे विचार से इस कहानी का नाम ‘एक दिन का बादशाहत’ क्यों रखा गया है? तुम भी अपने मन से सोचकर कहानी को कोई शीर्षक दो|

उत्तर- आरिफ़ तथा सलीम दोनों को एक दिन के लिए बड़ों के सभी अधिकार दिए गए थे| इसलिए कहानी का नाम ‘एक दिन की बादशाहत’ रखा गया है| कहानी का अन्य शीर्षक “बच्चों का बचपन” भी हो सकता है|

Q 9. कहानी में उस दिन बच्चों को सारे काम करने पड़े थे| ऐसे में कौन एक दिन का असली “बादशाह’ बन गया था?

उत्तर- कहानी में उस दिन बच्चों को सारे बड़ों वाले काम करने पड़े थे| ऐसे में बच्चे एक दिन के लिए असली बादशाह बन गए थे| क्योंकि उस दिन उन्हें सभी अधिकार प्राप्त थे|

तर माल

“रोज़ की तरह आज वह तर माल अपने पास न रख सकती थी|”

Q 10. कहानी में किन-किन चीजों को तर माल कहा गया है|

उत्तर- कहानी में अंडे और मक्खन जैसी चीजों को तर माल कहा गया है|

Q 11. इन चीजों के अलावा और किन-किन चीजों को ‘तर माल’ कहा जा सकता है?

उत्तर- इन चीजों के अलावा हलवा-पूरी, खीर, मिठाइयाँ, पकवान आदि छिजों को तर माल कहा जा सकता है|

Q 12. कुछ ऐसी चीजों के नाम भी बताओ, जो तुम्हे ‘तर माल’ नहीं लगतीं|

उत्तर- चावल, दाल कुछ सब्जियाँ, दलिया , दूध, रोटी हमें तर माल नहीं लगतीं|

Q 13. इन चीजों को तुम क्या नाम देना चाहोगी? सुझाओ|

उत्तर- इन चीजों को हम ‘खाद्य पदार्थ’ नाम देना चाहेंगे|

मनपसंद कपड़े

बिल्कुल इसी तरह तो वह आरिफ़ और सलीम से उनकी मनपसंद कमीज़ उतरवा कर निहायत बेकार कपड़े पहनने का हुक्म लगाया करती हैं।”

Q 13. तुम्हें भी अपना कोई खास कपड़ा सबसे अच्छा लगता होगा। उस कपड़े के बारे में बताओ। वह तुम्हें सबसे अच्छा क्यों लगता है?

उत्तर- स्वयं करो।।

Q 14. कौन-कौन सी चीजें तुम्हें बिल्कुल बेकार लगती हैं?

उत्तर- (क) पहनने की चीजें – कुर्ता – पायजामा

(ख) खाने-पीने की चीजें – रोटी, दलिया, हरी सब्जियाँ, अन्नानास

(ग) करने के काम। – कपड़े साफ करना, जूते पॉलिश करना

(घ) खेल – कबड्डी, पतंगबाजी।

हल्का-भारी

Q 15. (क) “इतनी भारी साड़ी क्यों पहनी?”

यहाँ पर ‘भारी साड़ी’ से क्या मतलब है?

  • साड़ी का वज़न ज्यादा था।
  • साड़ी पर बड़े-बड़े नमूने बने हुए थे।
  • साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई थी।

उत्तर- साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई थी।

(ख)

  • भारी साड़ी
  • भारी अटैची
  • भारी काम
  • भारी बारिश।

ऊपर “भारी’ विशेषण का चार अलग-अलग संज्ञाओं के साथ इस्तेमाल किया गया है। इन चारों में भारी’ का अर्थ एक-सा नहीं है। इनमें क्या अंतर है?

उत्तर-

  • भारी साड़ी-साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई होने पर यह भारी लगने लगती है। ऐसी साड़ी मँहगी भी होती हैं। अतः यहाँ ‘भारी’ का अर्थ मँहगी और अत्यधिक कढ़ाईदार होने से है।
  • भारी अटैची-अटैची में वज़नदार सामान है जिससे वह भारी हो गई है। अतः यहाँ ‘भारी’ का अर्थ है। वज़नदार। भारी काम-कोई काम जब बहुत बड़ा, मुश्किल और पेचीदा होता है तब उसके पहले ‘भारी’ विशेषण का प्रयोग किया जाता है। अतः यहाँ ‘भारी’ का अर्थ काम के ‘बड़े, मुश्किल और पेचीदा होने से है।
  • भारी बारिश-वर्षा जब बहुत अधिक होती है तो उसके पहले प्रायः हम ‘भारी विशेषण लगाते हैं। अतः यहाँ ‘भारी’ का अर्थ ‘अधिक’ से है।

(ग) भारी की तरह ‘हल्का’ का भी अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल करो।

उत्तर-

  • हल्का बदन या शरीर-आज मैंने कम खाया है जिसके कारण बदन हल्का महसूस हो रहा है।
  • हल्की बात-मेरे सामने इतनी हल्की बात मत करो।
  • हल्का काम-जो काम तुम कर रहे हो वह बहुत हल्का है और कोई भी उसे कर लेगा।
  • हल्का खाना-मेरी दादी हमेशा हल्का खाना खाती हैं।
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