NCERT Solutions for Class 2 Hindi एक्की-दोक्की

  • Board
    CBSE
  • Textbook
    NCERT
  • Class
    Class 2
  • Subject
    Hindi
  • Chapter
    NCERT Solutions for Class 2 Hindi एक्की-दोक्की
  • Chapter Name
    Chapter 15 एक्की-दोक्की
  • Category
    NCERT Solutions

एक्की-दोक्की

एककेसवाली और दोनकेसवाली नामक दो बहनें थीं। दोनों अपनी अम्मा और बाबा के साथ एक छोटे-घर में रहती थीं। एककेसवाली के एक ही बाल था, इसलिए सब उसे एक्की कहकर बुलाते थे। दोनकेसवाली के दो बाल थे, इसलिए सब उसे दोक्की कहकर बुलाते थे। दोनकेसवाली बड़ी घमंडी थी। अम्मा दोनकेसवाली को दुनिया की सबसे सुंदर लड़की समझती थी। किंतु बाबा को इन चीजों के बारे में सोचने की फुरसत नहीं थी। दोक्की हमेशा अपनी बहन पर रौब जमाती रहती थी। एक दिन एक्की घने जंगल में गई। चलते-चलते वह घने जंगल के बीच जा पहुँची। चारों तरफ़ सन्नाटा था। अचानक उसने एक आवाज़ सुनी-पानी? मुझे प्यास लगी है। कोई पानी पिला दो। एक्की ने चारो तरफ़ घूमकर देखा, तो वहाँ कोई नहीं था। फिर उसने देखा कि एक सूखी हुई मुरझाई मेंहदी की एक झाड़ी के पत्ते फरफरा रहे थे। पास ही पानी की धारा बह रही थी। एक्की ने चुल्लू में पानी भरकर कई बार झाड़ी के ऊपर डाला। मेंहदी की झाड़ी ने एक्की को धन्यवाद दिया और कहा कि इस मदद को मैं हमेशा याद रखेंगी।

एक्की आगे बढ़ी तो उसने सन्नाटे में एक आवाज़ सुनी-मुझे भूख लगी है। कोई मुझे खाना खिला दो। एक्की ने देखा कि एक मरियल-सी गाय पेड़ से बँधी हुई थी। एक्की ने घास-फूस इकट्ठा करके गाय को खिलाया। उसके बाद उसने गाय के गले में बँधी रस्सी को खोल दिया। गाय ने एक्की को धन्यवाद दिया और कहा कि वह उसकी मदद को हमेशा याद रखेगी। कि एक्की आगे चलता बनी। वह चलते-चलते बहुत थक गई। तभी उसे दूर एक झोंपड़ी दिखाई दी। एक्की दौड़कर झोंपड़ी तक गई और आवाज़ लगाई-कोई है? एक बूढी अम्मा ने दरवाजा खोला और बोली-आ गई मेरी बच्ची? मैं तुम्हारी ही राह दे अंदर आ जाओ। एक्की को झोंपड़ी में आकर बहुत अच्छा लगा। तब बूढी अम्मा ने कहा–आओ बेटी, तुम्हारे लिए नहाने का पानी तैयार है। पहले अच्छी तरह से तेल लगाओ और उसके बाद नहा लो। फिर हम खाना खाएँगे। एक्की ने बूढी अम्मा की बात मान ली। फिर जैसे ही एक्की ने अपने सिर से तौलिया। हटाया, उसके सिर पर एक नहीं बहुत सारे बाल थे। एक्की की खुशी का ठिकाना न था। उसने बढी अम्मा को धन्यवाद किया। बूढ़ी अम्मा ने मुस्कराते हुए कहा-अब तुम घर जाओ बेटी और हमेशा खुश रहो

एक्की सरपट अपने घर की तरफ चल पड़ी। रास्ते में उसे गाय ने मीठा-मीठा दूध दिया तथा झाड़ी ने हाथों पर रचाने के लिए मेंहदी दी।

घर पहुँचकर एक्की ने जब सारी कहानी सुनाई तो दोक्की कहानी सुनते ही सीधे जंगल की तरफ भागी। भागती दोक्की को न तो प्यासी झाड़ी की पुकार सुनाई पड़ी और न ही भूखी गाय । वह धड़धड़ाती हुई झोंपड़ी में घुस गई और बूढी अम्मा को हुक्म दिया-मेरे नहाने के लिए पानी तैयार करो। हाँ, आओ मैं तुम्हारी ही राह देख रही थी। पानी तैयार है, नहा लो। बूढी अम्मा ने दोक्की से कहा। झटपट नहाने के बाद जैसे ही दोक्की ने तौलिया सिर से हटाया, उसकी चीख निकल गई। उसके बचे दो बाल भी झड़ गए थे। रोते-रोते दोक्की घर की तरफ़ चलने लगी। रास्ते में उसे गाय ने सींग मारा और मेंहदी की झाड़ी ने काँटे चुभो दिए। दोक्की को सबक मिल चुका था। इसके बाद एक्की-दोक्की अपने अम्मा-बाबा के साथ खुशी-खुशी रहने लगीं।

NCERT Solutions for Class 2 Hindi एक्की-दोक्की
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